ED से बचने एक ट्रेनिंग ऐसी भी….

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
रायपुर : ED के शिकंजे में फंसे अफसर और कारोबारियों की बॉडी लैंग्वेज पर चर्चा छिड़ी है। यह बात तो माननी ही पड़ेगी कि इसके पीछे भी कुछ न कुछ कहानी तो जरूर होगी ही।
इस संबंध में हमको जो कहानी सुनने को मिली है, उसके अनुसार कहा जा रहा है कि तमाम लोग पहले से इस बात के लिए तैयार थे कि उन्हें एक ना एक दिन केन्द्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश होना ही पड़ेगा। ऐसे में अधिकारी-कारोबारियों ने काफी पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। कहा जा रहा है कि साल 2020 में जब आयकर विभाग की कार्रवाई हुई थी, उसी समय से केन्द्रीय जांच एजेंसियों के रिटायर्ड अधिकारियों, बड़े वकीलों और जानकारों की एक फौज तैयार कर ली गई थी। उस समय तो यहां तक हल्ला था कि कार्रवाई के दौरान बचाव पक्ष की यह टीम राजधानी रायपुर में ही डेरा डाले हुए थी और उसके निर्देश पर ही बचाव की रणनीति बनाई जा रही थी। आईटी के बाद जब ईडी की कार्रवाई से पहले और बाद में यह विशेष टीम जरूरी टिप्स दे रही थी, ताकि सभी लोगों को बेदाग निकाला जा सके। कुछ लोगों का तो यहां तक दावा है कि ईडी के सवालों के सामने अपनी बात पर अडिग रहने के लिए भी बकायदा घंटों-घटों रिहर्सल करवाया गया है। ईडी के मनोवैज्ञानिक दबाव के सामने भी स्ट्रेस फ्री रहने की ट्रेनिंग भी इसका हिस्सा था। इस टीम के लोगों ने यह भरोसा दिलाया कि डिजीटल प्रूफ, चैट्स और रिकार्डिंग को कोर्ट में आसानी से चुनौती दी जा सकती है। चर्चा है कि इस ट्रेनिंग के कारण ही ईडी के शिकंजे में फंसे अफसर-कारोबारी बेफिक्र नजर आ रहे हैं।